पूज्य संतश्री आशारामजी बापू
ने वैदिक भारतीय
संस्कृति का पुर्नजागरण करने
हेतु जिस गुरूकुल परम्परा
का फिर से
आरम्भ किया, उन गुरूकुलों
के विद्यार्थी जीवन
के हर क्षेत्र
में निरन्तर बुलन्दियों को
छू रहे हैं।
इससे समाज में जागरूकता
तो आ ही
रही है साथ ही
अन्य विद्यालय भी अपने
विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य
के लिये इस
वैदिक पद्धति को अपनाने
लगे हैं।
पूज्य बापूजी
के साधक इस
सेवा में भी पीछे
नहीं हैं। वे विद्यालयों
में जा-जाकर विद्यार्थियों
को पूज्य बापूजी
का दिया खजाना
"योग व उच्च
संस्कार" बाँट रहे हैं।
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"Yog aur Uchh Sanskar" program in MOUNT MARRY SCHOOL, Haridwar by the disciples of Sant Shri Asharam Ji Bapu:
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