कुछ वर्षों पूर्व जब संतश्री आशारामजी बापू ने 14 फरवरी को "वेलेंटाइन डे" के विकल्प के रूप में "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का आरम्भ किया तो सभी धर्मों के लोगों को यह खूब भाया। अब तो लोग इस दिन का इतना आदर करने लगे हैं कि इसने पर्व का रूप ले लिया है और लोग प्रसन्नता पूर्वक इसकी प्रतीक्षा करते हैं।
"लोकप्रिय होता जा रहा "मातृ-पितृ पूजन दिवस" - प्रधान टाइम्स कवरेज
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