यूगांडा, ईस्ट अफ्रीका से संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार आये भारतीय परिवार ने जुड़वां बेटों का "जनेऊ संस्कार" करवाया। पुत्र प्राप्ति की इच्छा व्यक्त करने पर पूज्य बापूजी ने बच्चों के पिता को सेब का प्रसाद दिया था जिसका फल इन जुड़वां बेटों के रूप में मिला। दोनों बच्चे इतने जिज्ञासु हैं कि जैसे ही ब्राह्मण ने मंत्रोच्चार के साथ बोला "स्वाहा" उन्हें बताना पड़ा "offering food to the fire God." तीन से चार घंटे तक चले हवन को बच्चों ने बड़े ही धैर्य के साथ पूरा किया। उन्हें यह "Ceremony" खूब पसंद आयी।
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