Q: आखिर आत्मसाक्षात्कार है क्या?
Ans: अपने आप को आत्मरूप से जान लेना ही आत्मसाक्षात्कार है - पूज्य बापूजी
परम पूज्य संतश्री आशाराम बापूजी कहते हैं - "लाखों-लाखों जन्मों के माता-पिता जो ना दे सके, वह मेरे परम पिता गुरुदेव साईं लीलाशाह जी ने हँसते-खेलते मुझे दे दिया। मुझे घर में ही घर बता दिया। हे! अविद्या को विदीर्ण करने वाले, जन्म-मृत्यु की शृंखला से मुक्त करने वाले मेरे गुरुदेव ! हे मेरे तारणहार ! आपकी जय-जयकार हो।
"The sun erases the outside darkness but enlightenment destroys the inside darkness & spreads the light of knowledge." #55th_Self_Realization_Day_Of_Bapuji
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