25 दिसम्बर को "क्रिसमस ट्री" पर बल्ब लगाने की अपेक्षा "तुलसी पूजन दिवस" मनाना कितना फायदेमंद है यह बात धीरे-धीरे सब को समझ आने लगी है।
कुछ वर्षों पूर्व पूज्य संतश्री आशारामजी बापू ने 25 दिसम्बर को "तुलसी पूजन दिवस" मनाया तो इसकी आलोचना भी हुई मगर जब लोगों ने तुलसी माता का पूजन कर इसके नीचे दीपक प्रजव्वलित किया तो उन्हें अनोखे आनन्द व शान्ति की अनुभूति हुई और उन्होने इसे अपनाना शुरू कर दिया। आज यह केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विशाल रूप से मनाया जाने लगा है।
अवश्य पढ़ें संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार में "तुलसी पूजन दिवस" की कवरेज, संस्कार निर्माण द्वारा:-
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