सर्वफलदायक माघ मास - 12 जनवरी से 10 फरवरी ।
माघ मास में प्रात:काल (ब्रह्ममुहूर्त) का स्नान अत्यन्त पुण्यदायी माना जाता है। यह आयुष्य लंबा करता है, अकाल मृत्यु से रक्षा करता है, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य व सदाचरण देता है। इससे वृत्तियाँ निर्मल होती हैं, विचार ऊँचे होते हैं। समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
पद्मपुराण में भगवान राम के गुरुदेव वशिष्ठजी कहते हैं कि "वैशाख में जलदान, अन्नदान उत्तम माना जाता है और कार्तिक में तपस्या, पूजा लेकिन माघ में स्नान, जप, होम और दान उत्तम माना गया है।"
- परम पूज्य संतश्री आशाराम बापूजी
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