9 फरवरी - सर्वसिद्धिकर गुरूपुष्यामृतयोग
(सुबह 10:48 से 10 फरवरी सूर्योदय तक)
‘गुरुपुष्यामृत योग सर्वसिद्धिकर है । व्यापारिक कार्यों के लिए तो यह विशेष लाभदायी माना गया है। इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी। इस उत्तम योग का लाभ अवश्य लें। परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।
- पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का वारों में श्रेष्ठ बृहस्पतिवार (गुरुवार) से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग कहलाता है ।
- गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।
- गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।
- गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है ।
- गुरुपुष्यामृत योग में कोई धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना शुभ होता है।
- गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।
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