Tuesday, 30 January 2018

Parents Worship Day by Sanatan Seva Mission Trust Haridwar

"सनातन सेवा मिशन ट्रस्ट" हरिद्वार द्वारा गंगा किनारे, गणतन्त्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत पूज्य आशारामजी बापू के साधकों द्वारा मातृ पितृ पूजन का आयोजन।

"True Saints Are For Humanity. Their benign presence makes this world, worth living."

14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में ऐसी क्रांति लायेगा कि लोग युगों तक पूज्य संतश्री आशारामजी बापू के आभारी रहेंगे। उनका यशोगान दसोंदिशाओं में फैलेगा तथा विश्व का मंगल होगा।

Monday, 29 January 2018

Sanskar Nirman Coverage - Parents Worship Day

#PaidJournalist Nikhil Wagle is a black spot on journalism who adopted it for money making only and forgot the principles of this fourth pillar.

समाज को, संस्कार निर्माण जैसी सेवा कर उच्च विचारों व उन्नत चरित्र वाले व्यक्ति देना बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है - संस्कार निर्माण कवरेज


Friday, 26 January 2018

26-January - Republic Day

Happy #RepublicDay

"राष्ट्र-धर्म के बिना कभी भी सच्ची स्वतंत्रता, स्वाधीनता और मुक्ति नहीं मिल सकती |" - पूज्य संतश्री आशारामजी बापू

"If yet your blood doesn't rage then it is water that flows in your veins. For what is the flush of youth if it is not of service to the motherland."


Tuesday, 23 January 2018

ज्ञान के मोती - पूज्य संतश्री आशारामजी बापू

कैसे करें शक्ति की वृद्धि

"जिस शक्तिमान परमात्मा से शक्ति मिलती है उसके विधान का ध्यान रखकर शुभकर्म करना, दूसरों की सेवा व सहायता करना,किसी को अपनी शक्ति से दु:ख ना देना व दु:खी को मर्यादा के भीतर सुख देते रहना यही शक्ति की उपासना व आदर है।"

Monday, 22 January 2018

Dabang Duniya - Parents Worship Day - MPPD

#14th_Feb_मातृ_पितृ_पूजन_दिवस जैसा अनमोल उपहार समाज को देने वाले संतश्री आशारामजी बापू पर यौन शोषण जैसा घिनौना आरोप लगाना मानसिक विक्षिप्तता तो नहीं ? हम सभी पूज्य बापूजी के अत्यन्त आभारी हैं जिन्होने अपनी भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित किया।

विश्वमानव के लिए प्रेम व आनंद बरसाता - 
"मातृ-पितृ पूजन दिवस"
- दबंग दुनिया कवरेज (लेख- अलका शर्मा)

Thursday, 18 January 2018

Parents Worship Day - 14 February

कुछ वर्षों पूर्व जब संतश्री आशारामजी बापू ने 14 फरवरी को "वेलेंटाइन डे" के विकल्प के रूप में "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का आरम्भ किया तो सभी धर्मों के लोगों को यह खूब भाया। अब तो लोग इस दिन का इतना आदर करने लगे हैं कि इसने पर्व का रूप ले लिया है और लोग प्रसन्नता पूर्वक इसकी प्रतीक्षा करते हैं।

"लोकप्रिय होता जा रहा "मातृ-पितृ पूजन दिवस" - प्रधान टाइम्स कवरेज

Thursday, 11 January 2018

षटतिला एकादशी - 12 जनवरी 2018

युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा: भगवन् ! माघ मास के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है? उसके लिए कैसी विधि है तथा उसका फल क्या है ? कृपा करके ये सब बातें हमें बताइये ।


श्रीभगवान बोले: नृपश्रेष्ठ ! माघ (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार पौष) मास के कृष्णपक्ष की एकादशी ‘षटतिला’ के नाम से विख्यात है, जो सब पापों का नाश करनेवाली है । मुनिश्रेष्ठ पुलस्त्य ने इसकी जो पापहारिणी कथा दाल्भ्य से कही थी, उसे सुनो ।

दाल्भ्य ने पूछा: ब्रह्मन्! मृत्युलोक में आये हुए प्राणी प्राय: पापकर्म करते रहते हैं । उन्हें नरक में न जाना पड़े इसके लिए कौन सा उपाय है? बताने की कृपा करें ।

पुलस्त्यजी बोले: महाभाग ! माघ मास आने पर मनुष्य को चाहिए कि वह नहा धोकर पवित्र हो इन्द्रियसंयम रखते हुए काम, क्रोध, अहंकार ,लोभ और चुगली आदि बुराइयों को त्याग दे । देवाधिदेव भगवान का स्मरण करके जल से पैर धोकर भूमि पर पड़े हुए गोबर का संग्रह करे । उसमें तिल और कपास मिलाकर एक सौ आठ पिंडिकाएँ बनाये । फिर माघ में जब आर्द्रा या मूल नक्षत्र आये, तब कृष्णपक्ष की एकादशी करने के लिए नियम ग्रहण करें । भली भाँति स्नान करके पवित्र हो शुद्ध भाव से देवाधिदेव श्रीविष्णु की पूजा करें । कोई भूल हो जाने पर श्रीकृष्ण का नामोच्चारण करें । रात को जागरण और होम करें । चन्दन, अरगजा, कपूर, नैवेघ आदि सामग्री से शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले देवदेवेश्वर श्रीहरि की पूजा करें । तत्पश्चात् भगवान का स्मरण करके बारंबार श्रीकृष्ण नाम का उच्चारण करते हुए कुम्हड़े, नारियल अथवा बिजौरे के फल से भगवान को विधिपूर्वक पूजकर अर्ध्य दें । अन्य सब सामग्रियों के अभाव में सौ सुपारियों के द्वारा भी पूजन और अर्ध्यदान किया जा सकता है । अर्ध्य का मंत्र इस प्रकार है:

कृष्ण कृष्ण कृपालुस्त्वमगतीनां गतिर्भव ।
संसारार्णवमग्नानां प्रसीद पुरुषोत्तम ॥
नमस्ते पुण्डरीकाक्ष नमस्ते विश्वभावन ।
सुब्रह्मण्य नमस्तेSस्तु महापुरुष पूर्वज ॥
गृहाणार्ध्यं मया दत्तं लक्ष्म्या सह जगत्पते ।

‘सच्चिदानन्दस्वरुप श्रीकृष्ण ! आप बड़े दयालु हैं । हम आश्रयहीन जीवों के आप आश्रयदाता होइये । हम संसार समुद्र में डूब रहे हैं, आप हम पर प्रसन्न होइये । कमलनयन ! विश्वभावन ! सुब्रह्मण्य ! महापुरुष ! सबके पूर्वज ! आपको नमस्कार है ! जगत्पते ! मेरा दिया हुआ अर्ध्य आप लक्ष्मीजी के साथ स्वीकार करें ।’

तत्पश्चात् ब्राह्मण की पूजा करें । उसे जल का घड़ा, छाता, जूता और वस्त्र दान करें । दान करते समय ऐसा कहें : ‘इस दान के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण मुझ पर प्रसन्न हों ।’ अपनी शक्ति के अनुसार श्रेष्ठ ब्राह्मण को काली गौ का दान करें । द्विजश्रेष्ठ ! विद्वान पुरुष को चाहिए कि वह तिल से भरा हुआ पात्र भी दान करे । उन तिलों के बोने पर उनसे जितनी शाखाएँ पैदा हो सकती हैं, उतने हजार वर्षों तक वह स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है । तिल से स्नान होम करे, तिल का उबटन लगाये, तिल मिलाया हुआ जल पीये, तिल का दान करे और तिल को भोजन के काम में ले ।’

इस प्रकार हे नृपश्रेष्ठ ! छ: कामों में तिल का उपयोग करने के कारण यह एकादशी ‘षटतिला’ कहलाती है, जो सब पापों का नाश करनेवाली है ।

Tuesday, 9 January 2018

Food For Thought by Pujya Asharam Ji Bapu

💎💎 Pearls of Wisdom by Pujya Asharam Ji Bapu 💎💎

As soon as you avail yourself of the power of Divine Grace, fortune begins to smile at you, the clouds of misery dissipate and the tendency to feel desperate and helpless is completely eradicated.

Blessed are the ones, at whom Saints look with a benign glance.

Thursday, 4 January 2018

~★★~ ज्ञान के मोती ~★★~ Pujya Asharam Ji Bapu


जहाँ सच्चा प्रेम होता है वहाँ दोष दर्शन नहीं होता।

आपका जितना सामर्थ्य है उसका सदुपयोग किया तो वह व्यापक होता जायेगा और दुरूपयोग किया तो लघु होता जायेगा।

मौन रहने से अंदर का आनंद प्रकट होता है व धैर्य, क्षमा, शांति आदि सद्गुणों का विकास होता है। - पूज्य आशारामजी बापू