Sunday, 22 May 2016

Pradhan Times Coverage #Prernamurti Satsang Sudha

अपनी आध्यात्मिकता के लिये प्रसिद्ध भारत देश के संतों के चरणकमल जहाँ भी पड़ते हैं वही धरती तीर्थ बन जाती है। संत अपने संतत्व से तीर्थों को तीर्थत्व प्रदान करते हैं। संत शिरोमणि ‪#‎Prernamurti‬ Bharti Shriji देश भर में अध्यात्म के प्रचार - प्रसार द्वारा, समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं। उनके दर्शन व सत्संग से लोगों को अलौकिक शांति और प्रसन्नता का अनुभव होता है। जानिये विस्तार से - प्रधान टाइम्स कवरेज द्वारा।

 
 

Friday, 20 May 2016

Pradhan Times Coverage: बिनु सत्संग विवेक ना होई

बुद्ध पूर्णिमा हो और गंगाजी का किनारा हो तो सत्संग भी होना ही चाहिये ।

पूज्य संत श्रीआशारामजी बापू, बुद्ध पूर्णिमा सदैव हरिद्वार में ही मनाना पसंद करते थे ।

जल्द ही आयेंगे वो दिन......

 

 

Thursday, 19 May 2016

पुष्करिणी - वैशाख मास के अंतिम ३ दिन


वैशाख मास के अंतिम ३ दिन दिलायें महापुण्य पुंज (१९ मई से २१ मई २०१६ तक)

 

'स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभदायी हैं | इनका नाम " पुष्करिणी " है, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं | जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे कर ले तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है |

 

वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर म...नुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है | जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | जो इन तीनों दिन में ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ हैं अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है | जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मो से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए |

 

सुख – सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति – वैशाखी पूर्णिमा :

वैशाखी पूर्णिमा को ‘धर्मराज व्रत’ कहा गया है | यह पूर्णिमा दान-धर्मादि के कार्य करने के लिए बड़ी ही पवित्र तिथि है | इस दिन गरीबों में अन्न, वस्त्र, टोपियाँ, जूते-चप्पल, छाते, छाछ या शरबत, सत्संग के सत्साहित्य आदि का वितरण करना चाहिए | अपने स्नेहियों, मित्रों को सत्साहित्य, सत्संग की वीसीडी, डीवीडी, मेमोरी कार्ड आदि भी भेंट में दे सकते हैं |

 

इस दिन यदि तिलमिश्रित जल से स्नान कर घी, शर्करा और तिल से भरा हुआ पात्र भगवान विष्णु को निवेदन करें और उन्हींसे अग्नि में आहुति दें अथवा तिल और शहद का दान करें, तिल के तेल के दीपक जलाये, जल और तिल से तर्पण करें अथवा गंगादि में स्नान करें तो सब पापों से निवृत हो जाते है | यदि उस दिन एक समय भोजन करके पूनम-व्रत करें तो सब प्रकार की सुख-सम्पदाएँ और श्रेय की प्राप्ति होती है |

Monday, 16 May 2016

Pradhan Times Coverage - ‪#‎जेल_भरोAgainstInjustice

79 वर्षीय निर्दोष संत श्री आशारामजी बापू - स्वास्थय अत्यंत खराब , ना कुछ खा पा रहे हैं , ना ही चल पा रहे हैं .......जेल में इलाज हुआ असंभव। उनकी शीघ्रातिशीघ्र रिहाई के लिये भक्तों ने किया शांतिपूर्वक #जेल_भरोAgainstInjustice



 

Friday, 13 May 2016

Pradhan Times Coverage: Release Innocent Saints

पूज्य बापूजी को व्हील चेयर पर कोर्ट में पेशी पर लाये जाने के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। इस देश में कानून का यह हाल है कि आरोप सिद्ध हो गया, सजा भी घोषित हो गयी पर अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और निर्दोष हिन्दू संत श्री आशारामजी बापू जो सिर्फ आरोपी हैं व आरोप आज तक सिद्ध भी नहीं हुआ, कोई सबूत नहीं मिल पाया उनका स्वास्थय इतना खराब है कि वो चल भी नहीं पा रहे फिर भी Medical Grounds पर उनको Bail नहीं दी जा रही.......आखिर क्यों? राजनैतिक स्वार्थों के लिये सब इतने अंधे हो गये हैं कि एक निर्दोष संत की पीड़ा किसी को दिखाई नहीं दे रही। और क्या होगी अन्याय की पराकाष्ठा???? 



Wednesday, 4 May 2016

H. H. Asharam Bapu Ji Satsang

गुरूर्साक्षात् परब्रह्म:

गुरुकृपा से शिष्य के हृदय में विवेक और वैराग्य का उदय होता है।


Sunday, 1 May 2016

Divine Satsang of Prernamurti Bharti Shriji at Haridwar

संत श्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिपुरकलां, हरिद्वार में प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी के सानिध्य में आज दिव्य सत्संग का आयोजन हुआ।


इस भावपूर्ण सत्संग में श्रीजी ने सभी से पूज्य बापूजी की जेल से शीघ्रातिशीघ्र रिहाई के लिये प्रार्थना करवायी। प्रार्थना इतनी भावपूर्ण थी कि सभी की आँखें नम हो गईं।


ऐसा लगा कि वह दिन अब दूर नहीं जब पूज्य बापूजी हम सब के बीच व्यास पीठ पर विराजमान होंगे।