Importance of Mantra Jap
मंत्र जप का प्रभाव सूक्ष्म व गहरा होता है। जब लक्ष्मणजी ने मंत्र जप कर सीताजी की कुटीर के चारों तरफ भूमि पर एक रेखा खींच दी तो लंकाधिपति रावण तक उस लक्ष्मणरेखा को ना लाँघ सका | यद्यपि रावण मायावी विद्याओं का जानकार था किंतु ज्यों ही वह रेखा को लाँघने की इच्छा करता त्यों ही उसके सारे शरीर में जलन होने लगती थी|
मंत्रजप से पुराने संस्कार हटते जाते हैं, जापक में सौम्यता आती है और उसका आत्मिक बल बढ़ता... जाता है | इससे चित्त पावन होने लगता है | रक्त के कण पवित्र होने लगते हैं | दुःख, चिंता, भय, शोक, रोग आदि निवृत होकर, सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद मिलने लगती है | मंत्रजप करने से मनुष्य के अनेक पाप-ताप भस्म होकर उसका हृदय शुद्ध होने लगता है तथा ऐसा करते-करते एक दिन उसके हृदय में परमात्मा का प्राकटय भी हो जाता है|
मंत्रजापक को व्यक्तिगत जीवन में सफलता तथा सामाजिक जीवन में सम्मान मिलता है | मंत्रजप मानव के भीतर की सोयी हुई चेतना को जगाकर उसकी महानता को प्रकट कर देता है|
" जपात् सिद्धिः जपात् सिद्धिः जपात् सिद्धिर्न संशयः।"
No comments:
Post a Comment