मानसिक जप, वाचिक से हजार गुना प्रभावशाली होता है तथा जापक को अत्यंत शक्तिशाली बना देता है। अतः गुरुमन्त्र सतत जपते रहना चाहिये।
जप का अर्थ केवल माला के मनके घुमाना ही नहीं होता। मंत्र के अर्थ में डूब कर जप करने से वह हृदय में प्रवेश कर जाता है और जापक को आनन्द का अनुभव होता है।
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