Friday, 3 March 2017
जो तेरी मर्ज़ी, वह मेरी मर्ज़ी
"Be ONE with Gurudev..."
"जो तेरी मर्ज़ी, वह मेरी मर्ज़ी।"
ईश्वर और गुरु के अनुभव में सहमत हो जाने से बहुत श्रम बच जाता है। इतना ही नहीं सदगुरु के अनुभव को अपना अनुभव बना लेने से 84 का चक्कर आसानी से छूट जाता है |
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