Thursday, 29 November 2018

Press Release of Haridwar Sankirtan Yatra

"A devotee gets ultimate happiness and self realization by listening, chanting and thinking of God and gets liberation at the end"- Asharam Bapu Ji

श्रीरामा भाई के सान्निध्य में हरिद्वार संकीर्तन यात्रा की प्रैस रीलीज।

The Press Release of Haridwar Sankirtan Yatra. 
Must Read:




Tuesday, 27 November 2018

25 नवम्बर - भव्य संकीर्तन यात्रा

कल दोपहर हरिद्वार, उत्तराखण्ड में परम पूज्य संतश्री आशारामजी बापू के शिष्य श्रीरामा भाई के सान्निध्य में संकीर्तन यात्रा का आयोजन किया गया। धर्मनगरी को भगवन्नाम कीर्तन से पवित्र करती हुई इस यात्रा की, प्रस्तुत हैं कुछ झलकियाँ:-










Thursday, 22 November 2018

25 नवम्बर - विशाल संकीर्तन यात्रा

"आओ सारे रल-मिल नचिये गाईये, गुरां दे दर दी रौनकां वधाइये"।

परम पूज्य संतश्री आशारामजी बापू के शिष्य श्रीरामा भाई के सान्निध्य में "संकीर्तन यात्रा":-

स्थान - हरिद्वार, उत्तराखंड।

यात्रा मार्ग - आर्यनगर चौक से आरम्भ होकर रामलीला मैदान पर पूर्णाहुति।

समय - दोपहर 2 बजे से।

माँ गंगा के पावन तट पर गुरुभक्तों द्वारा हरीनाम संकीर्तन में झूमने व गाने के लिये आप सभी सादर आमंत्रित हैं।

Monday, 19 November 2018

गोपाष्टमी - 16 नवम्बर

गाय के शरीर में सभी देवताओं का वास माना गया है। गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र एवं गोबर से स्वास्थ्य, सम्पदा एवं समृद्धि मिलने के साथ-साथ ही कई आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं।

केवल गाय ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसे भारत में माता का उच्च स्थान दिया गया है।

परम पूज्य संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार में भक्तों द्वारा मनाई गई - "गोपाष्टमी"।


Tuesday, 6 November 2018

7 नवम्बर - शुभ दीपावली - Happy Diwali

7 नवम्बर - शुभ दीपावली


परम पूज्य संतश्री आशारामजी बापू बताते हैं कि दीपावली की रात्रि में किया गया जप-तप, ध्यान-भजन अनंत गुना फलदायक होता है। दीपावली के दिन लक्ष्मीजी क्षीरसागर से प्रकट हुईं थीं अत: दीपावली लक्ष्मीजी का प्राकट्य दिवस भी है। बापूजी लक्ष्मीप्राप्ति हेतु दीपावली से भाईदूज तक तीन दिन की बहुत ही सरल साधना भक्तों को बताते हैं जिससे कि दरिद्रता का विनाश व आजीविका का उचित निर्वाह हो सके।

लक्ष्मीप्राप्ति हेतु साधना:-
दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में दीपक एवं धूपबत्ती जलाकर (सम्भव हो तो गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती), पीले वस्त्र पहनकर पश्चिम की तरफ मुँह करके बैठें। ललाट पर केसर का तिलक तथा स्फटिक मनकों से बनी माला द्वारा नित्य प्रात:काल निम्न मंत्र की दो मालायेँ जपें:-

"ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे, 
अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ॥"

तेल का दीपक व धूपबत्ती लक्ष्मीजी की बायीं ओर घी का दीपक दायीं ओर तथा नैवेध्य आगे रखा जाता है। लक्ष्मीजी को तुलसी व मदार या धतूरे का फूल नहीं चढ़ाना चाहिये इससे हानि होती है। घर में लक्ष्मीजी के वास, दरिद्रता के विनाश और आजीविका के उचित निर्वाह हेतु यह साधना करने वाले पर लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं।

पूज्य बापुजी तथा आश्रमों द्वारा हर साल दीपावली के पावन पर्व पर पिछड़े हुए, गरीब आदिवासी क्षेत्रों में भंडारों का आयोजन किया जाता है। दरिद्र नारायण के बीच दीवाली मनाकर पूज्य बापूजी का हृदय अत्यंत प्रसन्न होता है। आईये देखते हैं कुछ झलकियाँ:-

Monday, 5 November 2018

5 नवम्बर - धनतेरस

परम पूज्य संतश्री आशाराम बापूजी कहते हैं - "धन तीन तरह का होता है - वित्त, लक्ष्मी एवं महालक्ष्मी। महान उद्देश्य अर्थात् परमात्मा प्राप्ति के लिये जिस लक्ष्मी का उपयोग हो तो समझो हमारे घर में वह लक्ष्मी 'महालक्ष्मी' होकर आयीं हैं। यह महालक्ष्मी भगवान नारायण से मिलाने वाली होंगी।"

इस दिन संध्या के समय घर के बाहर हाथ में जगता हुआ दीपक लेकर यमराज देव की प्रसन्नता व अकाल मृत्यु टालने हेतु निम्न मंत्र के साथ दीपदान करना चाहिये :-

"मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यज: प्रीयतामिति।।"


यमराज को दो दीपक दान करने चाहिए व तुलसी के आगे दीपक रखना चाहिये। यह दरिद्रता मिटाने में सहायक होता है।