Wednesday, 16 November 2016

Param Shanti - Satsang Discourse by Asharam Bapu Ji

सत्संग से जितना लाभ होता है उतना किसी कोर्स और तपस्या से भी नहीं होता। इसलिए सत्संग देने वाले अनुभवी सत्पुरुषों का जितना आदर करें उतना कम है। उनकी आज्ञा के अनुसार जितना जीवन ढालें उतना ही अपना मंगल है। सत्संग से पाँच लाभ तो सहज में होने लगते हैं :-

1. भगवन्नाम के जप – कीर्तन का लाभ मिलकर भगवान की महिमा सुनने को मिलती है।

2. भगवान के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान मिलता है।

3. भगवद ध्यान एवं सेवा का स...दगुण विकसित होने लगता है।

4. बुद्धि में ईश्वर व ईश्वर प्राप्त महापुरुष के विलक्षण लक्षण विकसित होने लगते हैं।

5. अच्छा संग मिलता है।

पूज्य बापूजी कहते हैं, "वास्तविक आराम (परमात्म – विश्रांति) पाने के लिये ही मनुष्य जन्म मिला है, नींद तो भैंसा भी कर लेता है और यह परमात्म - विश्रांति केवल सत्संग से ही संभव है अत: सत्संग अवश्य करना चाहिये।"


 

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