Monday, 30 September 2019

Shradh Performed at AshramHaridwar

Collective Shradh performed on Pitruamavasya at Santshri Asharamji Bapu Ashram Haridwar. 

#BenevolentSaintOfMillions Pujya Bapuji & His discourses are so inspirational that almost everyone wants to take advantage of it.

पितृ अमावस्या पर विभिन्न आश्रमों में मनाया गया सामूहिक श्राद्ध कार्यक्रम 👇







Thursday, 26 September 2019

आत्मसाक्षात्कार दिवस - ३० सितंबर

आत्मसाक्षात्कार दिवस - ३० सितंबर
समय - सुबह १० बजे से ।
स्थान: संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार

🎉🎊Grand Celebration on 56th Self-Realization Day of Pujya Gurudev, at Santshri Asharamji Bapu Ashram, Haridwar.🎊🎉

🙏You all are cordially invited.🙏
Must Watch 👇


पितृ अमावस्या पर सामूहिक श्राद्ध - 28 सितंबर

संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार में पितरों की संतुष्टि व तृप्ति कर, पुण्य अर्जन करने का सुनहरा अवसर।

पितृ अमावस्या पर सामूहिक श्राद्ध - 28 सितंबर
समय - सुबह 9 बजे से 👇 

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समय पर पहुँच कर लाभ अवश्य लें ।

Tuesday, 17 September 2019

श्राद्ध पक्ष -13 से 28 सितंबर 2019

पितृ अमावस्या - 28 सितंबर

श्राद्धों में अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध करने के साथ ही साथ श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। यह पाठ पितरों की सद्गति व आगे का मार्ग प्रशस्त करने में तो सहायक है ही, घर में यदि पितृदोष है तो उसे भी दूर करता है। इस अध्याय का पाठ पूरे वर्ष में कभी भी अथवा प्रतिदिन भी कर सकते हैं। संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार की प्रस्तुति- पहली बार संस्कृत में श्रीमद् भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ 👇

Monday, 16 September 2019

श्राद्ध (पितृपक्ष) Shradh (Pitru Paksha) - 13 से 28 सितंबर

जो श्रद्धा से दिया जाये उसे "श्राद्ध" कहते हैं। श्रद्धा और मंत्र के मेल से की जाने वाली विधि श्राद्ध कहलाती है। जीवात्मा का अगला जीवन पिछले संस्कारों से बनता है, अतः श्राद्ध करके यह भावना की जाती है कि उसका अगला जीवन अच्छा हो। जिन पितरों के प्रति हम कृतज्ञता पूर्वक श्राद्ध करते हैं वह हमारी सहायता अवश्य करते हैं।

"Shraddh" is a sanskrit word which refers to anything that is done with utmost sincerity and faith. In Hindu Religion, people pay homage to their ancestors during "Shraddh".

Conceptually, this is a time period when we feel heartfelt gratitude for our deceased parents, forefathers and pray for them so that they can stay in peace. Poojas are performed and food is offered to priestly Brahmans.

"श्राद्ध" कैसे करें? किस ब्राह्मण को दें निमंत्रण? कौन से मंत्र से करें पितरों की तृप्ति? विस्तार पूर्वक जानने के लिये लिंक पर क्लिक करें 👇
            https://youtu.be/S1nw4X39mzI


Shree Krishna Janmashtami - 23-August-2019

"वृंदावन में गोपी आया हम गोपीयन के मन को भाया।"

"श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
पर 
संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिद्वार में 
नॉन साधक बच्चों 
द्वारा 
मनमोहक प्रस्तुति 👇