Monday, 10 April 2017

Sri Hanuman Jayanti


११ अप्रैल - हनुमान जयन्ती


"रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवनसुत नामा।"

ग्यारहवें रुद्र पवनपुत्र हनुमानजी चैत्र की पूर्णिमा को अवतरित हुए थे और चिरंजीवी हैं। आइये आपको बताते हैं कि हनुमानजी आज भी भक्तों की मनोकामना कैसे पूर्ण करते हैं:-

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा की 5 चौपाइयों का यदि नियमित सच्चे मन से वाचन किया जाए तो यह परम फलदायी सिद्ध होती हैं। इसका वाचन मंगलवार या शनिवार को करना परम शुभ होता है। ध्यान रखें हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों को पढ़ते समय उच्चारण में कोई गलती ना हो।

1- भूत-पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावे।।

इस चौपाइ का निरंतर जाप उस व्यक्ति को करना चाहिए जिसे किसी का भय सताता हो। इस चौपाइ का नित्य रोज प्रातः और सायंकाल में 108 बार जाप किया जाए तो सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।

2- नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

यदि कोई व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है, अनेक इलाज कराने के बाद भी वह सुख नही पा रहा, तो उसे इस चौपाइ का जाप करना चाहिए। इस चौपाइ का जाप निरंतर सुबह-शाम 108 बार करना चाहिए। इसके अलावा मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर पूरी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, इससे जल्द ही व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है।

3- अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

यह चौपाइ व्यक्ति को समस्याओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। यदि किसी को भी जीवन में शक्तियों की प्राप्ति करनी हो, ताकि वह कठिन समय में खुद को कमजोर ना पाए तो नित्य रोज, ब्रह्म मुहूर्त में आधा घंटा इन पंक्तियों का जप करे, लाभ प्राप्त हो जाएगा।

4- विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करिबे को आतुर।।

यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन चाहिए तो इन पंक्तियों के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। प्रतिदिन 108 बार ध्यानपूर्वक जप करने से व्यक्ति के धन सम्बंधित दुःख दूर हो जाते हैं।

5- भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे।।

जीवन में ऐसा कई बार होता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद कार्य में विघ्न प्रकट होते हैं। यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो उपरोक्त दी गई चौपाइ का कम से कम 108 बार जप करें, लाभ होगा।

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