Sunday, 19 June 2016

Food for Thought by H. H. Asharam Bapu Ji

गुरु के द्वार अहं लेकर जाने वाला व्यक्ति गुरु के ज्ञान को पचा नहीं सकता, हरि के प्रेमरस को चख नहीं सकता। शिष्य की श्रद्धा को परखने एवं उसकी योग्यता को बढ़ाने के लिये ही गुरु कसौटी करते हैं।



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