Monday, 27 June 2016

Food for Thought by H. H. Asharam Bapu Ji

ध्यान से प्राप्त शांति तथा आध्यात्मिक बल की सहायता से जीवन की जटिल से जटिल समस्याओं को भी बड़ी सरलता से सुलझाया जा सकता है और परमात्मा का साक्षात्कार भी किया जा सकता है। पूज्य बापूजी बताते हैं : “ चार अवस्थाएँ होती हैं – घन सुषुप्ति (पत्थर आदि ), क्षीण सुषुप्ति ( पेड़-पौधे आदि ), स्वपनावस्था ( मनुष्य, देव, गंधर्व आदि ) और जाग्रत अवस्था ( जिस ने अपने शुद्ध, बुद्ध, चैतन्यस्वभाव को जान लिया )। आधा घंटा परमात्मा के ध्यान में डूबने से जो शांति, आत्मिक बल व धैर्य आता है उससे एक सप्ताह तक संसारी समस्याओं से जूझने की ताकत आ जाती है। ध्यान में लग जाने से अद्भुत शक्तियाँ प्रकट होने लगती हैं। अत: ध्यान करके अपनी  वृत्तियों को सूक्ष्म करने का प्रयास करना चाहिये।

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