कल 1 अगस्त - मासिक शिवरात्रि व श्रावणी सोमवार :
जिस तिथि का जो स्वामी हो उसकी तिथि में आराधना-उपासना करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी भगवान शिव हैं । अतः उनकी रात्रि में किया जानेवाला यह व्रत ‘शिवरात्रि' कहलाता है । प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।
प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।
मासिक शिवरात्रि
प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आति है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है । उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना कर ना इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है ।
आर्थिक परेशानी से बचने हेतु हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि-कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है । तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते है वो शाम के समय या संध्या के मसय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करे । और रात को जब 12 बजे जायें तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी ।
हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले । इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी...
1). ॐ नमः शिवाय नमः
2). ॐ सर्वात्मने नमः
3). ॐ त्रिनेत्राय नमः
4). ॐ हराय नमः
5). ॐ इर्न्द्मखाय नमः
6). ॐ श्रीकंठाय नमः
7). ॐ सद्योजाताय नमः
8). ॐ वामदेवाय नमः
9). ॐ अघोरर्ह्द्याय नमः
10). ॐ तत्पुरुषाय नमः
11). ॐ ईशानाय नमः
12). ॐ अनंतधर्माय नमः
13). ॐ ज्ञानभूताय नमः
14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
15). ॐ प्रधानाय नमः
16). ॐ व्योमात्मने नमः
17). ॐ युक्तकेशात्मरुपाय नमः
-श्री सुरेशानंन्दजी
No comments:
Post a Comment