Wednesday, 13 July 2016

Medical Report of H. H. Asharam Bapu Ji

एक और नया खुलासा....

राजस्थान मेडिकल बोर्ड एवं आयुर्वेद विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार संत_आशारामजी_बापू अनेक भयंकर बीमारियों से ग्रसित पाए गए ।

 

पिछले कुछ समय से आशारामजी बापू को आप Wheel Chair में Court आते देख रहे होंगे, जो एक झूठे case में जोधपुर जेल में हैं, जिसमे लड़की UP की है और अपने साथ हुई जोधपुर में झूठी दुष्कर्म की FIR Delhi में दर्ज़ कराती है, अब तक जांच में कोई भी सबूत नही मिला जिससे दुष्कर्म की पुष्टि हो,मेडिकल रिपोर्ट में भी कुछ नही मिला, लेकिन चूँकि केस एक सुनियोजित षड़यंत्र का हिस्सा है, POCSO जैसी one sided धारा लगी है,न्याय में विलम्ब हो रहा है , अब आइये जरा विचार करते हैं की की इस विलम्ब का बापूजी के Health में क्या असर हो रहा है, बापूजी के भक्तों को वो सिर्फ Wheel Chair में दिखते हैं, पर शायद उन्हें नहीं पता की हक़ीक़त इससे भी भयानक है |

 

राजस्थान हाई_कोर्ट के अनुसार एस.एन. मेडिकल कॉलेज में 28 जून को संत आशारामजी बापू की सेहत की जाँच की गई थी ।


जाँच रिपोर्ट में जो बात सामने आयी, उसके मुताबिक संत आशारामजी बापू को ट्राईजेमिनल न्यूरोलॉजिया (अनंत वात ) नाम की बीमारी है ।

 

 

अब ज़रा देखते हैं उस रिपोर्ट के अनुसार बापूजी को जो बीमारियां हैं वो है क्या?.👇

1.CIDP(Chronic Inflammatory Demyelinating Polyneuropathy): सरल शब्दों में इस बीमारी या ये कहें जानलेवा बीमारी का मतलब होता है मरीज़ अपने महसूस करने की शक्ति खो देता है, उसे बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है,नसें सुन्न हो जाती है,चलने फिरने बैठने में बहुत दिक्कत होती है,हर समय तेज़ दर्द रहता है, नींद पर सीधा असर होता है, wheel chair में ही रहना पड़ता है,तकलीफ बढ़ने पर लकवा (Paralysis) मारने का खतरा बढ़ जाता है, जेल जैसे प्रतिकूल वातावरण में उचित चिकित्सा के अभाव में ये समस्या और बढ़ती जा रही है

2. TGN(Trigeminal Neuralgia) : ये तो एक बहुत तीव्र वेदना वाली दिमागी बीमारी है,मस्तिष्क में कान के पास Trigeminal नस के ठीक से काम नहीं करने के कारण ये समस्या आती है,ये मुख्यतया चेहरे के 3 main parts को प्रभावित करती है, मस्तक, नाक के आसपास व् ऊपरी जबड़ा तथा निचला जबड़ा व ठुड्डी के पास, इस बीमारी की पीड़ा कई प्रसूति की पीड़ा से भी बढ़कर होती है,अचानक बिजली के झटके लगने जैसी पीड़ा, चेहरे में चाकू गोदने जैसी पीड़ा मरीज़ के लिए आम बात है, मरीज़ को दिन में ऐसे कई बार Pain का Stroke आते हैं, खाने पीने सोने में दिक्कत बढ़ जाती है,बार बार दर्द की वजह से आत्महत्या तक के विचार आते हैं, एक उम्र के बाद i.e. 65 साल के बाद इसका इलाज़ बहुत मुश्किल होता है ,
जेल में लगे mobile jammer और उसकी हानिकारक विकिरणों की वजह से बापूजी की ये तकलीफ और भी बढ़ रही है ।

3.Hypothyroidism : शरीर में मौजूद थाइराइड ग्रंथि के ठीक से काम नहीं करने की वजह से ये समस्या आती है, बापूजी की आँख के नीचे काले घेरे और सूजन इसका एक लक्षण है,

4.Anemia : शरीर के रक्त में iron की कमी, बापूजी के जेल जैसे वातावरण में इतने दिन तक उचित खान पान के बगैर रहना इसका एक कारण है |

5. Bilateral Sacral Radiculopathy : इस बीमारी का असर रीढ़ की हड्डी और कमर पर होता है,तेज़ दर्द के साथ उठने बैठने में तकलीफ़ आम बात है, वज्र में तेज़ गति से कोर्ट जाने पर सोचा जा सकता है की इसका शरीर में क्या असर होता होगा।

6. Urinal infection : खान पान में अनियमितता और जेल जैसी जगह के दूषित पानी से ये समस्या और बढ़ रही है |

7. Early OsteoArthritis of both the knees : दोनों घुटनों में तेज दर्द,चलने फिरने में तकलीफ, घुटनों के जॉइंट में असहनीय पीड़ा |

संत आशारामजी बापू ने यह दावा किया था कि विशेषज्ञों ने इस इलाज के लिए उन्हें केरल जाने की सलाह दी है। आशारामजी बापू कहते है कि भयंकर बीमारी ट्राईजेमिनल न्यूरोलॉजिया इससे बड़ी कोई पीड़ा नहीं ।

यह वही बीमारी है, जिससे वह 15, 16 साल से जूझ रहे है । राजस्थान हाई_कोर्ट के निर्देश पर बनी मेडिकल बोर्ड ने भी अपने रिपोर्ट में इस बीमारी की बात कही है | इस बीमारी में असहनीय दर्द होता है ।

चलिए अब आपको बताते है कि आखिर ये बीमारी है क्या....???
1. ब्रेन के साथ जुड़नेवाली 12 नर्व में से एक है ट्राईजेमिनल नर्वस जैसा कि आप तस्वीर में देख रहे है । इस नर्व की तीन शाखाएं होती है इसलिए इसे त्रिनाड़ी शूल भी कहते है ।
2. नर्व के तीन शाखाएं चहरे के ऊपरी,मध्य व निचले हिस्से की सेंसेशन या संवेदना को दिमाग तक पहुँचाती है ।
3. इसी ट्राईजेमिनल नर्व को जब किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो ट्राईजेमिनल न्यूरोलॉजिया नाम की बीमारी होती है । इसमें नर्व की एक, दो या सभी तीनों शाखाएं प्रभावित हो सकती है ।
4. नर्व का जो हिस्सा प्रभावित होता है । उस हिस्से में अचानक तेज दर्द या जलन हो सकती है । यह दर्द कुछ सेकंड से दो मिनट तक रह सकता है ।
5. दर्द का यह दौरा दिन में कई बार भी पड़ सकता है । दौरे की संख्या व दर्द की तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि नर्व को कितना नुकसान पहुंचा है ।
6. इलाज भी इसी के अनुसार होता हैं । इस बीमारी का इलाज के लिए सर्जरी भी की जाती है ।जब डॉ. सुब्रमण्यम स्वामीजी संत आशारामजी बापू का केस लड़ने आगे आये तो कई सुनवाईयों में वो जोधपुर भी पहुँचे और कहा कि संत आशारामजी बापू के साथ अन्याय हुआ है और उन्हें जमानत मिलनी ही चाहिए |

इन सबको छोड़कर बापूजी को और भी छोटी बड़ी आधा दर्जन से भी ज्यादा बीमारी है, बापूजी उम्र के इस पड़ाव और विपरीत परिस्थितियों के बीच भी अगर टिके हुये हैं तो ये इनके प्राण बल, उच्चतम आध्यात्मिक शक्ति और भक्तों की प्रार्थनाओं की वजह से हैं, अब देखना यह है की भारत की न्याय पालिका जो की एक छींक आने पर भी नेता, अभिनेता,पत्रकारों और रसूखदारों को सजा में राहत देती है ,पुख्ता सबूत होने पर भी आज जो सब बाहर खुले में घूम रहे हैं,एक निर्दोष संत जो की पिछले 3 साल से एक झूठे केस में जोधपुर जेल में बंद है ,उम्र के इस 79 वर्ष के पड़ाव में देश,धर्म और मानव उत्थान को अपने जीवन के 50 वर्ष देने के बाद भी ,फिर से निर्णय के नाम में एक "तारीख़" के हक़दार होंगे या जनता की आस्था और विश्वास के साथ न्याय होगा।आज देश विदेश में जो अराजकता और अशांति का वातावरण है उसके पीछे की मुख्य वजह दैवी और आसुरी शक्तियों का संघर्ष है, संत धर्म की नींव हैं इन पर जब जब अत्याचार हुआ है एक महापरिवर्तन हुआ है ,इतिहास गवाह है। अब नहीं जागें तो कभी नहीं।

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