पूज्य बापूजी ने सदैव सत्संग में यही बताया है कि बच्चों को सुबह माता - पिता एवं पूजनीय - आदरणीय गुरुजनों को प्रणाम करना चाहिये। उनसे आशीर्वाद लेना चाहिये। बड़े भाई, बड़ी बहन को भी प्रणाम करना चाहिये। घर में यदि बड़े लोग इस नियम को अपनायेंगे तो छोटे बालक स्वयं ही उनका अनुकरण करेंगे। परस्पर नमस्कार करने से कुटुम्ब में दिव्य भावनाएं प्रबल होंगी तो लड़ाई - झगड़ों एवं कटुता के लिये अवकाश ही नहीं रहेगा। यदि कुछ खटपट होगी भी तो लम्बी नहीं टिकेगी। परिवार का जीवन मधुर बन जायेगा। परमार्थ साधना सरल हो जायेगा।
" नमस्कार से रामदास, कर्म सभी कट जायें।
जाय मिले परब्रह्म में, आवागमन मिटाये।।
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