संक्रांति के दिन किये गये जप, ध्यान, दान और किसी भी पुण्यकर्म का फल अक्षय होता है। संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय से सुबह 10.16 तक। सभी अवश्य लाभ लें।
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